Monday, August 17, 2020

Cracking The Class 10 RBSE Social Science Solutions Chapter 5 (democracy/लोकतंत्र) Most Questions In Hindi

Chapter-5 (democracy/लोकतंत्र) Most Questions
( Test Book Questions + most Questions )


➡️ लघुतरात्मक प्रश्न ( Short Questions )

Question 1.    ‘डेमोक्रेसी’ शब्द ग्रीक भाषा के किन शब्दों से मिलकर बना है और उसका प्रचलित व स्वीकृत अर्थ क्या है ?
Answer :-        लोकतंत्र का अर्थ (Meaning Of Democracy) :- अंग्रेजी शब्द Democracy का हिंदी अनुवाद है- लोकतंत्र | Democracy शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है - demos ( डेमोस ) और kratia (क्रेटिया ) | इसका प्रचलित और स्वीकृत अर्थ निम्न है - Democracy = demos + kratia
अर्थ :- लोकतंत्र = जनता + शक्ति
इस प्रकार लोकतंत्र का अर्थ है ‘ जनता की शक्ति’ साधारण शब्दों में लोकतंत्र का अर्थ जनता का , जनता के लिए ,जनता के द्वारा किया गया शासन है |

Question 2 .    लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के दो प्रमुख भेद कौन से हैं ?
Answer :-        लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के दो प्रमुख भेद निम्न है -

                         Types of Democracy

      1) प्रत्यक्ष लोकतंत्र :- लोकतंत्र के अंतर्गत जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से राज्य की शक्ति का प्रयोग करती है| जनता स्वयं कानूनों का निर्माण करती है| प्रत्यक्ष लोकतंत्र में सारी शक्ति जनता के हाथो में होती है और यहां जनता स्वयं अपना मत देकर अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं| प्रत्यक्ष लोकतंत्र में प्रतिनिधि जनता के द्वारा चुने जाने के कारण यह प्रतिनिधि जनता के हित में कार्य करते हैं | प्राचीन यूनानी नगर राज्य में इस तरह की शासन व्यवस्था प्रचलित है | रूसो प्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक था |

      2) अप्रत्यक्ष लोकतंत्र:- इसके अंतर्गत जनता शासन कार्य में स्वयं भाग नहीं लेती है बल्कि जनता शासन कार्य के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है और फिर जनता द्वारा चुने गए वह प्रतिनिधि कानून और जनता के अनुसार कार्य करते हैं यहां जनता के पास यह शक्ति होती है कि जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुना है वह उन्हें परिवर्तित भी कर सकती है | अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक जे. एस. मिल है | यह पद्धति भारत, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जापान आदि में है |

Question 3.    उदारवादी प्रतिनिधि ( अप्रत्यक्ष ) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के दो प्रमुख प्रकार कौन से है ?
Answer :-       उदारवादी प्रतिनिधि ( अप्रत्यक्ष ) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के दो प्रमुख प्रकार निम्न है -
        1 ) राज्य के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र :- राज्य के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र का अर्थ लोकतांत्रिक राज्य से है | इसकी अवधारणा के अनुसार प्रभुसत्ता का निवास आम जनता में होता है और इसलिए जनता को सरकार का निर्माण करने , उसपर नियंत्रण रखने , उन्हें पद से हटाने और बैठाने की सारी और अंतिम शक्ति होती है |

        2 ) शासन के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र :- शासन के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र का अर्थ लोकतांत्रिक शासन से है | इसकी अवधारणा के अनुसार राजनीतिक प्र्भुसता द्वारा क़ानूनी प्रभुसत्ता पर नियंत्रण किया जाना चाहिए |

Question 4 .   लोकतंत्र के एक रूप "सामाजिक लोकतंत्र" का क्या अर्थ है ?
Answer :-       सामाजिक लोकतंत्र - सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ है कि समाज में रंग , जाति, धर्म ,भाषा , लिंग आदि के आधार पर व्यक्तियों के बीच विभेद नहीं किया जाना चाहिए और सभी व्यक्तियों को व्यक्ति के रूप में सामान समझा जाना चाहिए| सामाजिक लोकतंत्र की अवधारणा मुख्यतः सामाजिक समानता के अधिकार पर जोर देती है | इसका सामान्य अर्थ है सभी व्यक्तियों को समाज में समान महत्व प्राप्त होना चाहिए और किसी भी व्यक्ति को अन्य किसी भी व्यक्ति के सुख का साधन मात्र नहीं समझाना चाहिए |

Question 5.   लोकतंत्र के एक रूप "नैतिक लोकतंत्र" से आप क्या समझते है ?
Answer :-        नैतिक लोकतंत्र - नैतिक लोकतंत्र में नैतिकता और आध्यात्मिकता को प्राथमिकता दी गई है और नैतिक लोकतंत्र को नैतिक और आध्यात्मिक जीवन दर्शन के रूप में स्वीकार किया गया है| नैतिक लोकतंत्र समस्त लोकतांत्रिक दर्शन का व्यवहारिक रूप है |

समाज में समानता, स्वतंत्रता, भाईचारे का विशेष महत्व है और यही नैतिक लोकतंत्र के मुख्य आधार है | इनके बिना समाज में व्यक्तियों के बीच समानता नहीं लायी जा सकती है और जहाँ समानता नहीं पायी जाती वहाँ पर स्वतंत्रता भी नहीं पायी जाती |

Question 6.   लोकतंत्र के बहुलवादी सिद्धांत एवं दृष्टिकोण की आलोचना के दो तर्क दीजिए |
Answer :-       (1) लोकतंत्र के बहुलवादी सिद्धांत की आलोचना करते हुए बताया गया है कि राज्य संप्रभु संस्था होती है | इसमें राज्य और नागरिक राज्य के बराबर न होकर राज्य के अधीन होते है |
(2) लोकतंत्र के बहुलवादियों का मानना है कि सत्ता का विभाजन होना चाहिए | लेकिन आलोचक इस तर्क से सहमत नहीं है क्योकि आलोचकों का मानना है कि लोकतंत्र में किसी न किसी के पास संप्रभु शक्ति होनी चाहिए |ऐसा करने से देश में शांति और एकता बनी रहेगी |

Question 7.    लोकतंत्र के विशिष्ट वर्गीय सिद्धांत के लोकतांत्रिक होने के बारे में क्यों संदेह किया जाता है ?
Answer :-        लोकतंत्र के विशिष्ट वर्गीय सिद्धांत के लोकतांत्रिक होने के बारे में इसलिए संदेह किया जाता है क्योकि लोकतंत्र में यह माना जाता है कि शासन चलाने के लिए लोगो में ज्ञान की आवश्यकता होती है | समाज में एक अल्पसंख्यक विशिष्ट लोगों का समूह होता है जो शासन चलाने के लिए योग्य होते हैं | लोकतंत्र के सिद्धांत में जो एक अल्पसंख्यक विशिष्ट लोगों का समूह उभर कर आता है और सत्ता इन्हीं कुछ लोगों के हाथों में होती है जिन लोगों के हाथों में सत्ता होती है वह जनता के द्वारा चुने नहीं जाते और दूसरी तरफ लोकतंत्र का अर्थ यह होता है की शासन की शक्ति जनता के हाथों में हो , ना कि कुछ विशिष्ट लोगों के हाथों में | इन्हीं दो बातों को देखकर सिद्धांत के लोकतांत्रिक होने के बारे में संदेह किया जाता है |

Question 8.    लोकतांत्रिक शासन के किन्ही तीन गुणों को इंगित कीजिए |
Answer :-       लोकतांत्रिक शासन के गुण :-
1) सार्वजनिक हित में वृद्धि :- लोकतांत्रिक शासन का संचालन जनता के द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है | ये प्रतिनिधि जनता के लिए कार्य करते है और जनता के प्रति उत्तरदायी होते है जिससे सार्वजनिक हित में वृद्धि होती है |

2) सार्वजनिक शिक्षा का साधन :- लोकतांत्रिक शासन में जनता सार्वजनिक समस्याओं पर अपनी राय प्रकट करती है और विचार -विमर्श करती है | आम नागरिक अपने अधिकारों और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होते है | इसी गुण के कारण लोकतंत्र को सार्वजनिक शिक्षा का साधन माना जाता है |

3) शक्तिशाली शासन व्यवस्था :- लोकतंत्र एक शक्तिशाली शासन व्यवस्था है | इसमें सम्पूर्ण शक्ति जनता के हाथो में होती है | यह शासन जनसहमति पर आधारित होता है | जब भी राष्ट्र में कोई संकट की स्थिति उतपन्न हो जाती है तो सम्पूर्ण जनता एकजुट होकर संकट का सामना करती है | इसी गुण कारण लोकतंत्र एक शक्तिशाली शासन व्यवस्था मानी जाती है |

Question 9 .    लोकतांत्रिक शासन के किन्ही तीन अवगुणो को इंगित कीजिये ?
Answer :-       लोकतांत्रिक शासन के अवगुण निम्न है :-
1) बुद्धिजीवी वर्ग की उदासीनता :- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में बुद्धिजीवी वर्ग की उदासीनता होती है | लोकतंत्र में चुनाव में प्रचार -प्रसार के कारण बुद्धिजीवी वर्ग अपने आप को चुनाव से दूर रखते है | इस कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था में बुद्धिजीवी वर्ग सक्रिय होकर भाग नहीं लेते है |

2) सार्वजनिक धन और समय का अपव्यय :- लोकतंत्र में चुनाव के समय बहुत ज्यादा धन और समय बर्बाद होता है | इसके साथ ही लोकतंत्र में नीतियों के निर्धारण में और कानून के निर्माण में अत्यधिक धन और समय लगता है | यह अत्यधिक खर्चीली पद्ति होती है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विकास की गति बहुत धीमी होती है |

3) संकटकाल की दृष्टि से कमजोर शासन :- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था संकटकाल में कमजोर सिद्ध होती है | लोकतंत्र में सत्ता विकेन्द्रीयकृत होती है जिसके कारण इसमें संकटकाल में शीघ्र निर्णय नहीं लिए जा सकते है |

Question 10 .    लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए आवश्यक तीन शर्तो का उल्लेख कीजिए |
Answer :-
1) शांति और व्यवस्था बनाए रखना:- लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए आवश्यक होता है | देश में शांति का वातावरण हो और देश को किसी चीज़ का भय न हो जैसे -युद्ध और बाहरी आक्रमण | अगर देश में शांति और बनी रहेगी तो लोग आपस में खुश रहेंगे और अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करेंगे |

2) आर्थिक समानता की स्थापना :- लोकतंत्र की सफलता के लिए यह भी जरूरी होता है कि समाज में आर्थिक समानता बनी रहे | समाज में आर्थिक स्थिति के आधार पर लोगों मैं भेदभाव ना हो| समाज में गरीब और अमीर के बीच भेदभाव की खाई ना हो | अगर समाज में लोकतंत्र का सफल संचालन करना है तो इसके लिए आवश्यक है कि समाज में आर्थिक समानता बनी रहे| तभी लोकतंत्र का सफल संचालन संभव होगा |

3) शिक्षित व जागरूक जनता:- लोकतंत्र की सफलता के लिए यह भी आवश्यक होता है की जनता शिक्षित हो और राजनीति के प्रति जागरूक है |अगर जनता शिक्षित होगी तो ही वो लोकतंत्र की समस्याओं को समझ पाएगी ,अपने मतदान का सही उपयोग कर पाएगी और जनता जागरूक होती है तो तो वह सरकार की लोकतंत्र विरोधी एवं गलत नीतियों मैं कार्यों का विरोध कर पाएगी |

Question 11 .    भारत में लोकतंत्र के संचालन के मार्ग की तीन प्रमुख बाधाओं को इंगित कीजिए |
Answer :-
1) शिक्षा का आभाव :- लोकतंत्र के संचालन में आने वाली सबसे बड़ी बाधा यह है कि लोगो में शिक्षा का आभाव है| जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे तब तक वो अपने मतदान का सही उपयोग नहीं कर पायेंगे और ना ही लोग अपने अधिकार को जान पाएंगे |

2) भाईचारे की भावना:- लोकतंत्र में कई ऐसे दल बने होते है जो केवल अपने परिवार के बारे में सोचते है और भाईचारे की प्रवर्ती को बढ़ावा देते है और ऐसा करने से लोकतंत्र में इन लोगो की संख्या बढ़ती जाती है| जिस कारण से लोकतंत्र का संचालन अच्छे से नहीं हो पता है |

3) योग्य व्यक्तियों का चुनाव से अलग रहना :- लोकतंत्र के प्रचार प्रसार के कारण व चुनाव में खर्च होने वाले धन खर्च के कारण योग्य व्यक्ति चुनाव से दूर रहते है| जिस कारण योग्य व्यक्ति का आभाव रहता है और चुनाव के संचालन में इन लोगो की भूमिका नहीं होने से लोकतंत्र के संचालन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है|

Question 12.    ऐसे तीन तथ्यात्मक तर्क दीजिये जो भारत के लोकतंत्र के उज्जवल भविष्य को प्रकट करते है |
Answer :-
1) स्वंतत्र न्यायपालिका :- भारत में लोकतंत्र के उज्जवल भविष्य को प्रकट करने का पहला तर्क स्वंतत्र न्यायपालिका है | भारत में स्वंतत्र न्यायपालिका पाई जाती है अगर कभी चुनाव में या किसी भी मामले में कोई वाद -विवाद हो जाता है तो न्यायपालिका निष्पक्ष निर्णय लेती है | भारत में न्यायपालिका पूर्ण स्वंतत्र होती है |

2) लिखित सविधान :- भारत में लोकतंत्र के उज्जवल भविष्य को प्रकट करने का दूसरा तर्क लिखित सविधान है | भारत का सविधान लचीला और कठोर दोनों है | भारत का सविधान लोकतंत्र के उज्जवल भविष्य को प्रकट करता है |

3) चुनाव :- भारत में लोकतंत्र के उज्जवल भविष्य को प्रकट करने का तीसरा तर्क निष्पक्ष चुनाव है | भारत में चुनाव प्रदत्ति से ही जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है भारत में पूर्ण निष्पक्ष चुनाव करवाए जाते है |

➡️ निबन्धात्मक प्रश्न ( Long Questions)

Question 1.   लोकतंत्र से आप क्या समझते है ? इसके विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए |
Answer :-        लोकतंत्र का अर्थ है ‘ जनता की शक्ति’ साधारण शब्दों में लोकतंत्र का अर्थ जनता का , जनता के लिए ,जनता के द्वारा किया गया शासन है | लोकतंत्र में वयस्क जनता आपमें मतदान के माध्यम से अपने प्रतिनिधियों को चुनती है और चुने गए प्रतिनिधि सरकार का गठन करते है |

⇾ लोकतंत्र के विभिन्न रूप :-

                         Various Forms Of Democracy

1) राजनीतिक लोकतंत्र - राजनीतिक लोकतंत्र को अतीत में व्यक्तिगत लोकतंत्र कहा जाता है और आधुनिक युग में उसे उदारवादी लोकतंत्र कहा जाता है| उदारवादी लोकतंत्र होने के कारण उदारवादी विचारकों ने राजनीतिक लोकतंत्र को दो रूपों में बताया है|

(i) राज्य के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र|

(ii) शासन के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र|

आधुनिक युग में प्रतिनिधि लोकतंत्र के दो रूप है|

(i) संसदीय लोकतंत्र |
(ii) अध्यक्षात्मक लोकतंत्र |

2) सामाजिक लोकतंत्र - सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ है कि समाज में रंग , जाति, धर्म ,भाषा , लिंग आदि के आधार पर व्यक्तियों के बीच विभेद नहीं किया जाना चाहिए और सभी व्यक्तियों को व्यक्ति के रूप में सामान समझा जाना चाहिए| सामाजिक लोकतंत्र की अवधारणा मुख्यतः सामाजिक समानता के अधिकार पर जोर देती है | इसका सामान्य अर्थ है सभी व्यक्तियों को समाज में समान महत्व प्राप्त होना चाहिए और किसी भी व्यक्ति को अन्य किसी भी व्यक्ति के सुख का साधन मात्र नहीं समझाना चाहिए |

3) आर्थिक लोकतंत्र - अर्थव्यवस्था के आधार पर लोकतंत्र को आर्थिक लोकतंत्र कहा जाता है| समाज में आर्थिक स्थिति के आधार पर व्यक्तियों के बीच भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए | वर्तमान समय में आर्थिक लोकतंत्र का विचार मार्क्सवादियों और समाजवादियों ने प्रस्तुत किया है |

4) नैतिक लोकतंत्र - नैतिक लोकतंत्र में नैतिकता और आध्यात्मिकता को प्राथमिकता दी गई है और नैतिक लोकतंत्र को नैतिक और आध्यात्मिक जीवन दर्शन के रूप में स्वीकार किया गया है| नैतिक लोकतंत्र समस्त लोकतांत्रिक दर्शन का व्यवहारिक रूप है | समाज में समानता, स्वतंत्रता, भाईचारे का विशेष महत्व है और यही नैतिक लोकतंत्र के मुख्य आधार है | इनके बिना समाज में व्यक्तियों के बीच समानता नहीं लायी जा सकती है और जहाँ समानता नहीं पायी जाती वहाँ पर स्वतंत्रता भी नहीं पायी जाती |

Question 2.   'लोकतंत्र को शासन का एक रूप , सामाजिक संगठन का एक सिद्धांत तथा जीवन की एक पद्धति माना जाता है | ' क्यों ? Answer :-       'लोकतंत्र को शासन का एक रूप , सामाजिक संगठन का एक सिद्धांत तथा जीवन की एक पद्धति माना जाता है | ' क्योकि लोकतंत्र का समाजवादी सिद्धांत लोकतंत्र के उदारवादी सिद्धांत और मार्क्सवादी सिद्धांत से मिलकर बना है | यह उदारवादी लोकतंत्र में निहित व्यक्ति की राजनीतिक स्वतंत्रता मार्क्सवादी लोकतंत्र में निहित आर्थिक समानता के आदर्शो को एक साथ प्राप्त करना चाहता है |

➝ लोकतांत्रिक समाजवाद :- लोकतंत्र का समाजवादी सिद्धांत लोकतंत्र के जिस स्वरूप पर बल देता है उसे लोकतांत्रिक समाजवाद कहा जाता है |

➝ यह सिद्धांत क्रांति और हिंसा के साधनो के स्थान पर विकासवादी और सवैधानिक साधनो में विश्वास करता है |

➝ इसके अनुसार संसदीय व्यवस्था वाले उदारवादी लोकतंत्र के माध्यम से व्यक्ति की राजनीतिक स्वतंत्रता की रक्षा की जा सकती है और साथ ही आर्थिक समानता को भी प्राप्त किया जा सकता है |

Question 3.    लोकतांत्रिक शासन से आप क्या समझते है ?इसका आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए |
Answer :-       लोकतांत्रिक शासन :- इसमें शासन करने की सारी शक्ति जनता के हाथो में होती है | शासन करने के लिए जनता अपने मतदान का प्रयोग करके अपने प्रतिनिधियों को चुनती है | जनता के द्वारा चुने गए ये प्रतिनिधि ही सरकार बनाते है और शासन करते है | लोकतांत्रिक शासन में अंतिम शक्ति जनता के हाथो में निहित होने के कारण ये प्रतिनिधि जनता के हित में कार्य करते है | लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अपने कुछ गुण और दोष होते है जिसके द्वारा शासन का आलोचनात्मक परीक्षण किया जाता है |

लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के गुण :- लोकतांत्रिक शासन के अनेक गुण होते है इसमें जनता के द्वारा प्रतिनिधि चुने जाते है जिस कारण प्रतिनिधि हमेशा जनता के हित में कार्य करते है | इसमें अंतिम शक्ति जनता के हाथो में निहित होती है इसलिए देश में संकट स्थिति में जनता एकजुट होकर संकट सामना करती है |इस व्यवस्था के कारण जनता में शिक्षा का विकास होता है जनता बीच में सार्वजनिक समस्याओ पर विचार -विमर्श होता है | लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगो में देश भक्ति की भावना का विकास होता है |

                         properties of Democracy

लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था दोष :- लोकतांत्रिक व्यवस्था में गुणों साथ -साथ दोष भी पाए जाते है | इसमें बुद्धिजीवी वर्ग भाग नहीं लेता है वह चुनाव के प्रसार -प्रचार से दूर रहना पसंद करता है | यह पद्धति अत्यधिक खर्चीली होती है इसमें चुनाव लड़ने और कानून बनाने में बहोत ज्यादा समय और धन खर्च होता है | यह शासन संकटकाल के लिए उपयुक्त नहीं होती है |

1. लोकतंत्र की व्यक्ति संबंधी धारणा भ्रमपूर्ण है |
2. बुद्धिजीवी वर्ग की उदासीनता |
3. शेक्षणिक महत्व का दावा भ्रमपूर्ण |
4. लोकतांत्रिक स्वतंत्रता, समानता भ्रमपूर्ण है |
5. राजनीतिक दलों का दुष्प्रभाव |
6. बुद्धिजीवी वर्ग की उदासीनता |
7. शेक्षणिक महत्व का दावा भ्रमपूर्ण |
8. अनुत्तरदायी शासन प्रणाली |
9. सार्वजनिक धन व समय का अपव्यय |
10. उदासीन मतदाता |
11. संकटकाल की दृष्टि से कमजोर शासन |
12. लोकतंत्र विश्व शांति का समर्थक नहीं |

Question 4.    प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का अंतर स्पष्ट कीजिए |
Answer :-

1) प्रत्यक्ष लोकतंत्र :- लोकतंत्र के अंतर्गत जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से राज्य की शक्ति का प्रयोग करती है| जनता स्वयं कानूनों का निर्माण करती है| प्रत्यक्ष लोकतंत्र में सारी शक्ति जनता के हाथो में होती है और यहां जनता स्वयं अपना मत देकर अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं| प्रत्यक्ष लोकतंत्र में प्रतिनिधि जनता के द्वारा चुने जाने के कारण यह प्रतिनिधि जनता के हित में कार्य करते हैं | प्राचीन यूनानी नगर राज्य में इस तरह की शासन व्यवस्था प्रचलित है | रूसो प्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक था |

2) अप्रत्यक्ष लोकतंत्र:- इसके अंतर्गत जनता शासन कार्य में स्वयं भाग नहीं लेती है बल्कि जनता शासन कार्य के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है और फिर जनता द्वारा चुने गए वह प्रतिनिधि कानून और जनता के अनुसार कार्य करते हैं यहां जनता के पास यह शक्ति होती है कि जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुना है वह उन्हें परिवर्तित भी कर सकती है | अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक जे. एस. मिल है |यह पद्धति भारत, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जापान आदि में है |

Question 5 .    अप्रत्यक्ष लोकतंत्र के गुण -दोषो की विवेचना कीजिए ?
Answer :-        अप्रत्यक्ष लोकतंत्र के गुण -
1. इसमें जनता मतदान के माध्यम से अपने प्रतिनिधियों को चुनती है |
2. इस पद्धति में शासन योग्य व्यक्तियों के द्वारा किया जाता है |
3. यह कम खर्चीली पद्धति होती है |
4. अंतिम शक्ति जनता के हाथो में निहित होती है |

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र के दोष -

1. इसमें जनता के हितो के कार्य करने में ज्यादा समय लगता है |
2. इसमें जनता और सरकार के बीच दुरी होती है |
3. इसमें जनता की शासन में भागीदारी नहीं होती है |
4. इसमें अंतिम शक्ति जनता के हाथो में निहित नहीं होती है |

Question 6.    लोकतंत्र के कुल कितने प्रमुख सिद्धांत एवं दृष्टिकोण है ? इनमे से लोकतंत्र के उदारवादी , मार्क्सवादी एवं समाजवादी सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवरण दीजिए |
Answer :-       लोकतंत्र के कुल पाँच प्रमुख सिद्धांत एवं दृष्टिकोण है -

                         Theorems of Democracy

लोकतंत्र का उदारवादी सिद्धांत :- इस सिद्धांत के विद्वानों ने व्यक्ति के सुख , स्वतंत्रता और अधिकार आदि के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किये है | इस सिद्धांत के विचारक - हॉब्स , लॉक , रूसो , बैंथम , जे.एस.मिल, टी.एच. ग्रीन , मॉन्टेस्क्यू , अब्राहम लिंकन , जैफरसन , हरबर्ट स्पैन्सर आदि है |इस सिद्धांत को अक्सर लोकतंत्र का पश्चिमी सिद्धांत या लोकतंत्र का लोकप्रिय सिद्धांत भी कह दिया जाता है |

लोकतंत्र का मार्क्सवादी सिद्धांत :- लोकतंत्र का मार्क्सवादी सिद्धांत लोकतंत्र के आर्थिक लोकतंत्र को प्रस्तुत करता है लेकिन मार्क्सवादियों ने इसे जनवादी लोकतंत्र कहना पसंद किया है | मार्क्सवादी लोकतंत्र का मूल विचार कार्लमार्क्स और फ्रेडरिक एंजल्स की विचारधारा में दिखायी पड़ता है | इस सिद्धांत को व्यवहारिक रूप देने का श्रय लेनिन , स्टालिन , माओ त्से तुंग आदि को जाता है |

लोकतंत्र का समाजवादी सिद्धांत :- यह सिद्धांत लोकतंत्र के उदारवादी और मार्क्सवादी सिद्धांत से मिलकर बना है | यह उदारवादी लोकतंत्र में निहित व्यक्ति की राजनीतिक स्वतंत्रता मार्क्सवादी लोकतंत्र में निहित आर्थिक समानता के आदर्शो को एक साथ प्राप्त करना चाहता है |

➝ लोकतांत्रिक समाजवाद :- लोकतंत्र का समाजवादी सिद्धांत लोकतंत्र के जिस स्वरूप पर बल देता है उसे लोकतांत्रिक समाजवाद कहा जाता है |

➝ यह सिद्धांत क्रांति और हिंसा के साधनो के स्थान पर विकासवादी और सवैधानिक साधनो में विश्वास करता है |

Question 7.   निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए -
(अ ) उदारवादी प्रतिनिधि लोकतंत्र के प्रमुख लक्षण |
Answer :-        उदारवादी प्रतिनिधि लोकतंत्र के प्रमुख लक्षण निम्न है -

1. व्यक्ति बुद्धिमान प्राणी है ,अतः अपना हित और अहित समझने की क्षमता रखता है।
2. सभी व्यक्ति मूलतः समान है।
3. सिमित शासन के सिद्धांत पालन किया जाना चाहिए।
4. शासन की शक्ति का आधार जनता की इच्छा होती है |
5. शासन का संचालन जनता द्वारा किया जाना चाहिए।
6. व्यक्ति को स्वतंत्रता और अधिकार प्राप्त होने चाहिए और इनकी रक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना की जानी चाहिए।
7. सरकार को जनमत का आदर करना चाहिए।

(ब) लोकतंत्र अयोग्यता का शासन है।
Answer :-       लोकतंत्र एक ऐसा शासन है, जिसमे शिक्षित, अशिक्षित, ज्ञानी, अज्ञानी, अमीर- गरीब सभी व्यक्ति शासन व्यवस्था में भाग लेते है| इसी कारण लोकतंत्र विशेषज्ञों की उपेक्षा करता है |लोकतंत्र में सभी के भाग लेने के कारण अशिक्षित जनता रंग, भाषा, रहन- सहन, जाति, धर्म, संस्कृति आदि के आधार पर अपना मत देते है जो की लोकतंत्र के लिए एक बहोत बड़ी बाधा बन जाता है |लोकतंत्र में अमीर लोग चुनाव में पैसा खर्च करके चुनाव जीत लेते है जिस करना लोकतंत्र में अयोग्य व्यक्तियों का बोलबाला हो जाता है |

दूसरी ओर लोकतंत्र में चुनाव के प्रचार प्रसार के कारन योग्य व्यक्ति चुनाव में भाग नहीं लेते है और इसी कारण लोकतंत्र में अयोग्य व्यक्ति ही आते है |

(स) लोकतंत्र शासन का सबसे अच्छा रूप है , क्योकि व्यक्ति को इससे श्रेष्ठ शासन का अभी भी ज्ञान नहीं है।
Answer :-        लोकतंत्र शासन का सबसे अच्छा रूप है क्योकि लोकतंत्र के अंतर्गत जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से राज्य की शक्ति का प्रयोग करती है| जनता स्वयं कानूनों का निर्माण करती है | लोकतंत्र में सारी शक्ति जनता के हाथो में होती है और यहां जनता स्वयं अपना मत देकर अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं | लोकतंत्र में प्रतिनिधि जनता के द्वारा चुने जाने के कारण यह प्रतिनिधि जनता के हित में कार्य करते हैं अगर लोकतंत्र में जनता के हित में कार्य नहीं किया जाता तो जनता के पास यह शक्ति होती है कि वह चुने हुए प्रतिनिधि को बदल सकते हैं|इन सभी गुणों के कारण लोकतंत्र शासन का सबसे अच्छा रूप है। अभी तक समाज में अनेक शासन व्यवस्थाओ का विकास हुआ है जैसे - राजतांत्रिक शासन व्यवस्था , सैनिक शासन व्यवस्था , औपनिवेशिक शासन व्यवस्था , लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था आदि | लेकिन इन सभी शासन व्यवस्थाओ में से सबसे अच्छी शासन व्यवस्था लोकतंत्र है | इसके साथ ही आम जनता में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अलावा किसी अन्य शासन का ज्ञान भी नहीं है |

(द) लोकतंत्र के दोषों के अन्त के लिए प्रमुख सुझाव दीजिए।
Answer :-       लोकतंत्र के दोषों के अन्त के लिए प्रमुख सुझाव -
★ शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
★ शासन में भाईचारे की भावना को समाप्त करना।
★ जनता को जागरूक करना |
★ चुनाव से भ्र्ष्ट , गलत आचरण , अपराधी प्रवृति के लोगो को दूर रखना।
★ चुनाव को कम खर्चीला बनाया जाये।
★ शासन की शक्ति का विकेन्द्रीयकरण होना चाहिए।
★ बुद्धिजीवी वर्ग को बढ़ावा देना चाहिए।

अन्यमहत्वपूर्ण प्रश्न
➡️ अतिलघुतरात्मक प्रश्न ( Very Short Questions )

Question 1.    राबर्ट मिचेल्स ने अपने विचार किस ग्रन्थ में प्रस्तुत किये है ?
Answer :-       दी पोलिटिकल पार्टीज (The political parties ) नामक ग्रन्थ में |

Question 2.    मोस्का इतावली विद्वान् ने अपने विचार किस ग्रन्थ में प्रस्तुत किये है ?
Answer :-       दी रूलिंग क्लास (The ruling class ) नामक ग्रंथ में |

Question 3.    प्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक कौन था ?
Answer :-        रूसो |

Question 4.    अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का सबसे बड़ा समर्थक कौन था ?
Answer :-        जे.एस. मिल |

Question 5.    वर्तमान में पूरी दुनिया में प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रणाली कहा है ?
Answer :-        स्विजरलैण्ड के पांच प्रांतो में |

Question 6.    अप्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रणाली किन किन देशो में है ?
Answer :-       भारत, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जापान आदि में है |

Question 7.    अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र की क्या परिभाषा दी है ?
Answer :-        " लोकतंत्र जनता का ,जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन है " |

Question 8.    Democracy शब्द किस भाषा के शब्दों से मिलकर बना है ?
Answer :-        ग्रीक भाषा के शब्दों से |

➡️ लघुत्तरात्मक प्रश्न ( Short Questions )

Question 1.    लोकतांत्रिक शासन से आप क्या समझते हैं ?
Answer :-       लोकतंत्र जनता का ,जनता के लिए ,जनता के द्वारा चुना गया शासन होता है |
जनता का :- लोकतंत्र जनता का शासन होता है|

जनता के लिए :- लोकतंत्र जनता के हितो के लिए होता है लोकतंत्र में शासन का अस्तित्व जनता के हितो की रक्षा करना होता है |

जनता के द्वारा :- लोकतंत्र ने सारी शक्ति जनता में होती है जनता के द्वारा ही चुना गया प्रतिनिधि ही शासन करता है |

Question 2.   लोकतंत्र की तीन विशेषताएं बताइए ?
Answer :-
1) जनता का शासन:- लोकतंत्र की पहली विशेषता यह है कि लोकतंत्र जनता का शासन होता है|अपनी जनता के कल्याण को महत्व दिया जाता है| जनता का शासन होने के कारण लोकतंत्र में व्यक्तियों के बीच उनके रंग, भाषा, रहन- सहन, जाति, धर्म, संस्कृति आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता|
2) जनता द्वारा निर्मित शासन:- लोकतंत्र की दूसरी विशेषता यह है कि लोकतंत्र में जनता द्वारा निर्मित शासन होता है| इसमें सारी शक्ति जनता के हाथों में होती है| लोकतंत्र में जनता के द्वारा ही चुना हुआ व्यक्ति शासन करता है|
3) जनता के प्रति उत्तरदायी शासन :- लोकतंत्र की तीसरी विशेषताएं यह है कि लोकतंत्र में जो प्रतिनिधि शासन संभालते हैं वह जनता के द्वारा चुने जाते हैं| इसी कारण प्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं और जनता के हित में शासन करते हैं व कानून बनाते हैं| अगर लोकतंत्र में जनता के हित में कार्य नहीं किया जाता तो जनता के पास यह शक्ति होती है कि वह चुने हुए प्रतिनिधि को बदल सकते हैं|

Question 3.    लोकतंत्र के बहुलवादी सिद्धांत एवं दृष्टिकोण किसे कहते हैं ?
Answer :-        लोकतंत्र का बहुलवादी सिद्धांत एवं दृष्टिकोण मुख्य रूप से बहुमत पर आधारित होता है| यह सामाजिक- राजनीतिक प्रणाली है | इसमें राज्य की शक्ति पर समाज के निजी समूह और हित समूह दोनों ही भागीदारी निभाते हैं| बहुलवादी सिद्धांत जनसामान्य की जगह समूह की भूमिका पर ज्यादा जोर देता है |साधारण शब्दों में कहे तो लोकतंत्र का बहुलवादी सिद्धांत सत्ता को छोटे क्षेत्र मैं सीमित करने की बजाए उसे व्यापक रूप पर प्रसारित और विकेन्द्रित करता है एवं लोगो के बड़े समूह पर ज्यादा ध्यान देता है |

Question 4.    लोकतंत्र का विशिष्टवर्गीय (अभिजन वर्गीय ) सिद्धांत एवं दृष्टिकोण किसे कहते हैं ?
Answer :-       लोकतंत्र के सिद्धांत मैं यह माना जाता है की शासन चलाने के लिए लोगो में ज्ञान कीआवश्यकता होती है और समाज के साधारण लोग राजनीति से दूर रहते हैं, उन्हें राजनीति का पूर्ण ज्ञान नहीं होता है राजनीति के मामले में उदासीन होते हैं, राजनीति में बढ़ चढ़कर हिस्सा नहीं लेते हैं| इसके विपरीत लोकतंत्र का विशिष्टवर्गीय दृष्टिकोण यह है कि समाज में एक अल्पसंख्यक विशिष्ट लोगों का समूह होता है जो शासन चलाने के लिए योग्य होते हैं | और इन अल्पसंख्यक विशिष्ट लोगों के पास शक्ति होती है और यह जनसाधारण के लिए कार्य करते हैं| लोकतंत्र के इस सिद्धांत में एक विशिष्ट समूह को महत्व दिया जाता है |