Monday, July 27, 2020

Tips To Grow Your Class 10 RBSE blood Circulatory System (रक्त परिसंचरण तंत्र) in hindi

रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulatory system)

यह दो भागों में बंटा हुआ है जो निम्नलिखित है -

a) ह्रदय (Heart ) -

हमारा ह्रदय पेशीय उत्तकों से बना होता है जो खोखला तथा बंद मुट्ठी के आकार का होता है | यह ऐसा अंग होता है जिसका रंग लाल होता है | हमारा ह्रदय दो भित्ति के झिल्ली के आवरण से ढका रहता है इसलिए इसे हृदयावरण (Pericardium) कहते है | इसमें एक ह्रदयावरणी द्रव (Pericardial fluid) भी पाया जाता है जो बाहरी आघातों से हमारे ह्रदय की रक्षा करता है | ह्रदय चार भागों में बंटा हुआ है -

ऊपरी दो छोटे आलिंद (Atrium) - 1) दाँया आलिंद व 2) बाँया आलिंद |
निचले दो बड़े निलय (Ventricle) - 3) दाँया निलय व 4) बाँया निलय |

➖ बाएं ओर के आलिंद व निलय एक द्विवलक कपाट (Bicuspid valve) से जुड़ा रहता है जिसे माइट्रल वाल्व (Mitral valve) या बाँया एट्रियोवेंट्रिकुलर वाल्व (Atrioventricular valve) भी कहते है |

➖ दाँए ओर के आलिंद व निलय एक त्रिवलक कपाट (Tricuspid valve) से जुड़ा रहता है |

➖ यह कपाट रक्त को विपरीत दिशा में जाने से रोकते है अर्थात ये कपाट इस प्रकार उपस्थित रहते है की दोनों आलिंदो से रक्त दोनों निलयो में आ सकता है परन्तु निलयो से आलिंदो में रक्त वापस नहीं जा सके इसलिए ये कपाट बंद हो जाता है |

Trick -इसे आप चित्र को देखकर आसानी से समझिए |

Parts of Heart
Image Source - Google | Image by - Hypernet llustraciones

Most Important Points -

हृदय चक्र (Cardiac cycle) -

हमारे शरीर से अशुद्ध रक्त सबसे पहले हमारे हृदय में महाशिरा द्वारा दांए आलिंद में प्रवेश करता है | दांए आलिंद में एकत्र होने के पश्चात त्रिवलक कपाट खुल जाता है तथा आलिंद से रक्त दाँए निलय में प्रवेश करता है | दाँए निलय से रक्त फुफ्फुस धमनी (Pulmonary artery ) के द्वारा फेफड़ो में चला जाता है | फेफड़ो में श्व्सन प्रक्रिया द्वारा रक्त शुद्ध होकर फुफ्फुस शिरा द्वारा बाएँ आलिंद में प्रवेश करता है जहां से द्विवलक कपाट से होते हुए बाएँ निलय में प्रवेश करता है | निलय से महाधमनी (Aorta) द्वारा रक्त हमारे शरीर में प्रवाहित होता है | यह चक्र निरंतर चलता रहता है इस चक्र को ह्रदय चक्र कहते है |

द्विसंचरण -

इस प्रक्रिया में रक्त ह्रदय से दो बार गुजरता है | पहले शरीर से ह्रदय में अशुद्ध रक्त तथा फिर शुद्ध रक्त फेफड़ो से ह्रदय में प्रवेश होता है | शुद्ध रक्त बाँए निलय से महाशिरा द्वारा शरीर में वापस भेज दिया जाता है | इस प्रकार के परिसंचरण को द्विसंचरण कहा जाता है |

पेस मेकर (गति प्रेरक) -

यह हमारे ह्रदय की गतिविधियों की गति का निर्धारण करता है |

Trick - इस चक्र को आसानी से समझने के लिए निम्न चित्र को देखे -

cardiac cycle

b) रक्त वाहिकाएँ (Blood Vessels ) -

हमारे शरीर में रक्त का संचरण वाहिकाओं द्वारा होता है | ये वाहिकाएँ जाल का निर्माण करती है जिनमे से बहते हुए रक्त कोशिकाओं तक पहुँचता है | रक्त वाहिकाएँ दो प्रकार की होती है -

a) धमनी -

ये वे वाहिकाएँ है जिनमे ऑक्सीजनित शुद्ध रक्त बहता है इसलिए इन्हे धमनी कहते है | ये धमनियाँ रक्त को ह्रदय से आगे पहुँचाती है |

b) शिरा -

ये वे वाहिकाएँ है जिनमे ऑक्सीरहित अशुद्द रक्त बहता है इसलिए इन्हे शिरा कहते है | ये शिराएँ रक्त को ह्रदय की ओर ले जाती है |

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     1.    Vitamin(विटामिन )

     2.   System of human body(मानव शरीर के तंत्र)

     3.   Digestive system organs and glands(पाचन तंत्र के अंग व ग्रंथियाँ)

     4.   श्व्सन तंत्र के भाग